ज़िन्दगी की हर धड़कन जी रही होगी,
नम सुबह के ओस में खिल रही होगी,
तुमको लगता होगा...
पलकों पे नींद की पालकी सजाती होगी,
लोरियों से सपनो को रिझाती होगी,
तुमको लगता होगा...
नयी आस के मोती माला में पिरोती होगी,
मुस्कुराती आँखों से एक आंसूं न रोती होगी,
तुमको लगता होगा...
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