Tuesday, September 25, 2012

भगवान...

हाँ...मैंने भगवान् को देखा है!
अपनी माँ के आँचल की छाँव में सिमटी हर ख़ुशी की छुअन में,
हर इम्तिहान की घड़ी में पिता के मज़बूत विश्वास की छाँव में,
शिक्षक गणों से प्राप्त मार्ग दर्शन और सीख की असीम कृपा में,
भाई बहनों के परस्पर अथाह प्रेम,स्नेह,असीमित दुलार में,
मित्रजनो द्वारा हर उतार चड़ाव में दिए अविचलित,अटल साथ में,
खिलखिलाते बच्चों की मधुर मीठी मासूम मुस्कुराहटों में,
हर क्षण,कण कण में बसे जीवन की प्रफ्फुलित विविधता में,
मैंने भगवान् को देखा है...:-)

No comments:

Post a Comment