IZHAAR...
Tuesday, September 25, 2012
मेरी मायूस नज़र तेरी तलबगार सही,
मेरी चेहरे में झलकता बेपनाह प्यार सही,
मैं वक़्त के साए में बिखरता एक मंज़र ही तो हूँ,
आज रोशन हूँ,कल उजड़ा दयार सही....
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